RBI Reg. No.RPCD 29/2711-12
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JILA SAHAKRI KENDRIYA BANK MRYADIT,SEHORE
Head office:-Old Collector Road, Sehore, in front of water tank, Sehore (M.P),
IFSC CODE:-CBIN0MPDCBE
email:[email protected],[email protected],



JILA SAHAKRI KENDRIYA BANK MRYADIT, SEHORE Registration Number of Rbi Registration dated January 9, 2712 -RPCD .30 / 2711 2712) 27 branches of the district have been selected by the bank keeping in mind the guidelines of NABARD

The working area of the bank is the entire district Sehore ,The district is now divided in to 5 tehsils viz. astha, sehore, rehti, budhani,ichawar, shyampur, . seore tehsil is situated on the north-western part of the district, Sonkatch on the north-eastern part, Bagli on the south, Kannod on the south-central part and Khategaon on the South-east. Weather road connects all the tahsil head quarters. The Head-quarters of Dewas tehsil, which is also the district headquarters, is situated on The Bombay-Agra National Highway No.3 and is also connected by broad-gauge railway line of western Railway.

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Head office:-Old Collector Road, Sehore, in front of water tank, Sehore (M.P),,

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RBI Reg. No.ग्राआऋवि 29/2711-12
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जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित,सीहोर
प्रधान कार्यालय :- ओल्ड कलेक्ट्रेट रोड सीहोर ,पानी की टंकी के सामने ,सीहोर (म.प्र)
ईमेल:[email protected],[email protected]
IFSC CODE:-CBIN0MPDCBE


जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, सीहोरकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :

सीहोरजिला कृषि प्रधान जिला है तथा यहां लघु एवं सीमांत कृषको की संख्या अधिक है, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है। बैंक की स्थापना से पूर्व जिले के गरीब कृषक साहूकारो से ऊॅंची ब्याज दरो पर ऋण प्राप्त करते थे, जिससे उनका आर्थिक विकास संभव न होकर हमेशा साहूकारो के चुंगल में फंसे रहते थे।

उपयुक्त वातावरण की अनुपस्थिति में आर्थिक प्रगति असंभव है। आर्थिक विकास के लिये आवश्यक है कि मनुष्यो में प्रगति की इच्छा हो और उसकी सामाजिक आर्थिक राजनैतिक एवं वैधानिक संस्थायें इस इच्छा को कार्याविन्त करने में सहायक हो। दीनहीन कृषको की आर्थिक समस्याओं का निदान ढूंढने के लिये सहकारी समितियों एवं सहकारी बैंको का प्रारंभ वर्ष 1904 से ही भारत में हुआ था। सीहोर जिले में तत्कालीन स्थानीय प्रतिष्ठित नागरिको की बैठक आयोजित करके तथा सहकारी आन्दोलन की यथेष्ठ प्रेरणादायक जानकारी देकर जिला स्तर पर सहकारी बैंक पंजीकृत करने की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। इस प्रकार तत्कालीन संभ्रात नागरिको के सहयोग से बैक का गठन किया जाकर दिनांक 9 जनवरी 2712 को पंजीयन हुआ।

आर्थिक विकास की प्रभावपूर्ण गति के लिये एक मान्य विचारधारा, आपेक्षित पूंजी तथा संचालन के लिये योग्य व्यक्तियो का होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त सभी स्तर पर ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा आवश्यक है। भ्रष्टाचार और स्वार्थ से उन्नति नही होती। आर्थिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दीर्घकाल में वास्तविक वृद्धि होती है।

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीहोरका निरंतर प्रगति का मुख्य कारण यही रहा है कि यहां पर एक मान्य विचारधारा, आपेक्षित पूंजी तथा संचालन के लिये योग्य व्यक्तियो की उपलब्धि सदैह होती रही है। सीमित संसाधनो के साथ बैंक ने अपना कार्य प्रारंभ किया। बैंक ने अपने व्यवसाय में अनेक कठिनाईयो का सामना समय चक्र के अनुसार किया। परन्तु किसी भी परिस्थिति में प्रगति अवरुद्ध नही हुई। बैंक ने अपने अमानतदारो का विश्वास प्राप्त कर निरंतर अमानतो में वृद्धि हुई।

स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात सीहोर बैंक की प्रगति द्धूतगति होते हुए आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती गई। भारत सरकार ने स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात सहकारी आन्दोलन के विकास हेतु कई कमेटियो का गठन किया गया तथा उनसे प्राप्त सुझावो के अनुसार सहकारी आन्दोलन को गतिमान बनाया गया।

बैंक के गठन के पश्चात् से स्वतंत्रता प्राप्ति तक एवं तत्पश्चात जिले में सहकारी बैंक द्वारा लगातार प्रगति करते हुए जिले के विकास में योगदान किया। इसके पश्चात् पंचवर्षीय योजना लागू होने से विकास कार्यो का योजनानुसार क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की शासकीय मंशा अनुसार विकास की गतिविधियो को तद्नुसार कार्यवाही करते हुए प्रगति के पथ पर अग्रसर हुए।

वर्ष 2013से बैंक प्रधानकार्यालय एवं सभी 27 शाखाऐं कोर बैकिंग के अंतर्गत कार्य कर रही है। समस्त शाखाओ में NEFT की सुविधा ग्राहको को उपलब्ध है एवं किसी भी शाखा से अन्य शाखा के खाताधारक लेन देन कर सकते है। शाखाओ में SMS अलर्ट सुविधा ग्राहको को उपलब्ध है। बैंक में ATM सुविधा भी प्रस्तावित है।

सेवा सहकारी समितियो के कंप्यूटराईजेशन का कार्य भी प्रस्तावित है।

किसानो के उत्थान की दृष्टि से शासन द्वारा अक्टूंबर 2013 से मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना प्रारंभ की गई है।  इस योजनान्तर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियो द्वारा रबी सीजन 2013-16 से अल्पावधि फसल ऋण में शामिल खाद एवं बीज के लिये दिये गये/जाने वाले वस्तु ऋण की राशि पर 10 प्रतिशत, अधिकतम रू. 10,000/- प्रति कृषक प्रतिवर्ष अनुदान राज्य शासन द्वारा दिया जावेगा।

शासन की योजनान्तर्गत बैंक द्वारा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। साथ ही 18 वर्ष से 40 वर्ष की उम्र के व्यक्तियो के लिए शासन की अटल पेंशन योजना का क्रियान्वयन बैंक द्वारा किया जा रहा है।